जिन्न या जिन्नात की ग़िज़ा यानी खाना किया?
JINNAT KYA KHATE, JINNAT KI GIZAYE KYA HAI :
जिन्नात का गिरोह बारगाहे रिसालत ﷺ मेंं:
हज़रते सय्यदुना अब्दुल्लाह बिन मस्उद से रिवायत है, हुज़ूर ﷺ की खिदमते सरापा अज़मत में जिन्नात का एक वफ्द (गिरोह) हाज़िर हो कर अर्ज़ गुज़ार हुआ, “आप की उम्मत हड्डी, गोबर और कोएले से इस्तिन्जा न करे क्यूं कि अल्लाह तआला ने इस में हमारा रिज्क मुक़र्रर फ़रमा दिया है तो नबिय्ये करीम ﷺ ने (उम्मत को) इस से मन्अ फ़रमा दिया।”
जिन्नात इन्सानों से 9 गुना हैं:
जिन्नात भी अल्लाह की एक मख़्लूक है जिसे आग से पैदा किया गया है, यह खाते पीते हैं और निकाह भी करते हैं। इन्सानों के मुक़ाबले में इन की तादाद नौ गुना है। हज़रते सय्यदुना अम्र बिकाली رضي الله عنه फ़रमाते हैं, जब इन्सान का एक बच्चा पैदा होता है तो जिन्नात के यहां 9 बच्चे पैदा होते हैं।
✍️फ़ैज़ाने सुन्नत, सफा, 330
मुसलमान के दस्तर ख़्वान पर जिन्नात:
हज़रते अल्लामा जलालुद्दीन सियूती رحمة الله عليه एक ताबेई बुजुर्ग से नकल फ़रमाते हैं, *तमाम मुसल्मानों के घरों की छतों पर मुसल्मान जिन्नात रहते हैं। जब दोपहर और रात को दस्तर ख़्वान लगाया जाता है यानी घर के अफराद खाना खाते हैं तो जिन्नात भी छतों से उतर आते और साथ ही बैठ कर खाने लग जाते हैं! उन के जरीए अल्लाह शरीर जिन्नात को भगा देता है।
सवाल :- जिन्नात किस दिन पैदा किये गए ?
जवाब :- हज़रत अबुल आलिया फरमाते है जिन्नात को जुमेरात के दिन पैदा किया गया
सवाल :- जिन्नात ज़मीन पर कब आबाद हुए ?
जवाब :- अल्लाह जल्ला शानहु ने हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की पैदाइश से 60000 साल पहले जिन्नात को ज़मीन में बसाया था (तफ़्सीर नईमी)
सवाल :- जिन्नात ज़मीन पर कितने सालो तक आबाद रहे?
जवाब :- जिन्नात ज़मीन पर सात हज़ार साल तक आबाद रहे
सवाल :- जिन्नात को ज़मीन से क्यों भगाया गया और किसने भगाया ?
जवाब :- जिन्नात जब ज़मीन पर आबाद हुए तो उनका आपस में हसद व हक़द शुरू हुआ उन्होंने ज़मीन पर फसाद किया खून बहाया क़त्लो गारत किया इब्लीस जो उस वक़्त तक बहुत मक़बूल बारगाहे इलाही था उसे हुक्म हुआ के अपने साथ फ़रिश्तो की एक जमात ले जा और जिन्नात को ज़मीन से निकाल कर पहाड़ो और जज़ीरो की तरफ धकेल दे चुनाचे इब्लीस ने ऐसा ही किया उसने अपने साथियो के साथ जिन्नात को मार मार कर पहाड़ो और जज़ीरो में भगा दिया
सवाल :- जिन्नात को ज़मीन से भागने का वाक़िया हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की पैदाइश से कितने साल क़ब्ल का है ?
जवाब :- ये वाक़िया हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की पैदाइश से 2000 साल पहले का है ऊपर तफ़्सीरे नईमी का जो कॉल गुज़रा के जिन्नात ज़मीन पर हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की पैदाइश से 60000 हज़ार साल क़ब्ल बसाये गए और सात हज़ार साल तक ज़मीन पर आबाद रहे इससे मालूम हुआ के जिन्नात को ज़मीन से निकालने का वाक़िया विलादते आदम अलैहिस्सलाम से 53000 हज़ार साल पहले पेश आया
सवाल :- जिन्नात की कितनी किस्मे है ?
जवाब :- 1. वो, जिन के पर होते है और वो हवा में उड़ते है 2. वो, जो सापों की शक्ल में रहते है 3. वो, जो इंसानों की तरह है
सवाल :- किस किस्म के जिन्नात से हिसाब व किताब होगा ?
जवाब :- तीसरी किस्म के जिन्नात से यानी जो इंसानो की तरह है
सवाल :- जो जिन्नात हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर ईमान लाएं थे उनकी तादाद कितनी है?
जवाब :- जिन्नात की इस जमाअत की तादाद में इख्तिलाफ है | हज़रत इब्ने अब्बास रदियल्लाहु अन्हुमा फरमाते है की सात जिन थे | हज़रत इब्ने मसऊद रदियल्लाहु अन्हुमा ने फ़रमाया के नो जिन थे बाज़ हज़रात से मरवी है की ये पंद्रह थे | एक रिवायत में है की साठ ऊंटों पर आये थे एक रिवायत में ये है की तिनसों थे एक रिवायत में छः हज़ार की तादाद है और ये भी मरवी है की बारह हज़ार थे इन सब में ततबीक़ ये है की क्योकि कई वफ्द (Team) आये थे मुमकिन है कि किसी में सात हो, नो ही हो किसी में ज़्यादा और किसी में उससे भी ज़्यादा
सवाल :- जो जिन्नात इस्लाम से मुशर्रफ हुए थे उनके नाम क्या है ?
जवाब :- उनके नाम ये है
हस्सी
हस्सा
मनसी
सासिर
नासिर
अलादर
बयान अलाहम
इबने मसऊद रदिअल्लहुअन्हु फरमाते है की ये नौ थे एक का नाम रदिया था बाज़ ने कहा है उन के सरदार का नाम वरदान था
सवाल:– हुज़ूर सल्लल्लाहुआलेहिवसल्लम पर जो जिन्नात ईमान लाये वो कहा के रहने वाले थे ?
जवाब :- हज़रत मुजाहिद रहमातुल्लाअलेह कहते है ये जिन्नात नसीबैन के रहने वाले थे हज़रत इबने मसऊद फरमाते है की ये असल नखला से आये थे अबू हमजा शिमाल का कहना है बून शीसान के थे हज़रत अकर्मा का क़ौल है के ये जज़ीराये मूसल से आये थे
सवाल:– मुसलमान जिन्नो ने जब हुज़ूर सल्लल्लाहुवसल्लम से ज़ाद व तोशा तलब किया तो आप ने उन के लिए क्या ज़ाद व तोशा मुक़र्रर फ़रमाया ?
जवाब :- हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसऊद रदियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं के जब उन्हों ने ज़ाद व तोशा तलब तो हुज़ूर सलल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हड्डियां उनके लिए तोशा और गोबर उनका चारा मकर्रर फ़रमाया और फ़रमाया : हर हड्डी उनके हाथ लगते ही ऐसी होजायेगी जैसी उस वक़्त थी जब खायी गयी थी | यानी गोश्त वाली होकर उन्हें मिलेगी और गोबर में भी वही दाने पायेंगें जो उस रोज़ थे जब वो दाने खाये गए थे पसकोई शख्स भी हड्डी और गोबर से इस्तिंजा न करे
सवाल :- जबले अबू क़ैस पर खड़े होकर जिस जिन्न ने बुतों की हिमायत की थी और हुज़ूर सलल्लाहु अलैहि वसल्लम की दुश्मनी पर काफिरों और मुशरिकों को जोश दिलाया था उसका नाम क्या है ?
जवाब :- उस जिन का नाम मुसअरथा