एक कदम तालीम कि तरफ
” एक कदम तालीम कि तरफ “
अस्सलाम वालेकुम व रहमतुल्लाह बरकातहू
हम आप सब कौम के लोगों को यह इत्तला देना चाहतें हैं कि हमने बच्चों की दीनी और दुनियावी तालीम के लिए कुछ करने का सोचा है जो मैं आप सबके इल्म में लाना चाहता हूँ और उसको हम बहुत जल्द अमली जामा पहनाएंगे।
1. लाइब्रेरी कायम करना : यहाँ हर उम्र के लोगो के लिए दीनी और दुनियावी इल्म की किताबें ,न्यूज़ पेपर ,इस्लामिक कल्चर और हिस्ट्री की की किताबें आसानी से मुयस्सर हो और हम अपनी हिस्ट्री से रूबरू हो सकें जिसको आज पूरी तरह से ख़तम करने की कोशिश की जा रही है।
मकसद : बच्चों ,जवानो और हमारे बुजुर्गों को ऐसा माहौल देना की वह रोड़ और नुकड़ो से उठकर एक इल्मी दुनिया की औरअपने कदम बढ़ाए।
2. पर्सनालिटी डेवलपमेंट एंड मोटिवेशन क्लास : इंग्लिश बोलना और लीडरशिप स्किल डेवेलप करना।
मकसद : आज हमारी सबसे बढ़ी मुश्किल है कुछ ताकतें हमारे बच्चों के कॉन्फिडेंस को ख़तम करना चाहतें और हमने भी उनका साथ देना शुरू कर दिया है। आज हर जगह हमारे बचें और बड़े यह कहते सुने जा सकतें हैं की हम लोगो के लिए और हमारे बच्चों के लिए कोई नौकरी और बिज़नेस नहीं है। हमने अपने आप को और अपने बच्चों को के मायूसी का शिकार बना दिया है। जबकी ऐसा बिलकुल नहीं होना चाहिए। हमें अपने बच्चों को हिम्मत और ताकत देनी होगी है और बताना पड़ेगा की काबिल बनोगे तो हर जगह तुम्हारी ज़रूरत होगी। हमे उनमे कॉन्फिडेंस डेवेलप करना होगा । तभी वह ज़िन्दगी में आगे बढ़ पाएंगे। आज हमे अपने बचाने की तरबियत इस मकसद और जूनून के साथ करनी होगी की यह कल बड़े होकर हमारी कौम के मुस्तकबिल को बदल सकें।
याद रखो जब तक हम मुसलमान दूसरे कौम के लिए ज़रुरत नहीं बल्कि बोझ समझे जाएँगे तब तक हमको इसी ज़िलत की ज़िन्दगी जीनी पड़ेगी। जब तक हमने अपने कौम के बच्चों को ऊँची तालीम और डॉक्टर,इंजीनियर ,साइंटिस्ट ,IAS ,RAS ,IPS और नन्यायिक सेवा में नहीं पहुंचाएंगे तब तक हर कौम पर बोझ बने रहेंगे और कोई हमारी इज़्ज़त नहीं करेगा। आज सोचने का मक़ाम हैं की हमने अपनी कौम में से कितने डॉक्टर,इंजीनियर ,साइंटिस्ट ,IAS ,RAS ,आईपीएस और जज दिए। जब तक हम हाथ फैलाकर लेने वाले बने रहेंगे तब तक हमारे मुस्तकबिल को कोई नहीं बदल सकता है। जिस दिन तुम देने वाले बन जाओगे उस दिन से दूसरी कौमे तुम्हे गाली नहीं देगी बल्कि गले लगाएगी।
लेकिन बात समझने की यह हैं क्या अभी हमारी कौम में डॉक्टर,इंजीनियर ,साइंटिस्ट ,IAS ,RAS ,आईपीएस नहीं है बेशक है लेकिन उनमें से कितनो ने दीनी तालीम ली है आज हमको सिर्फ डॉक्टर,इंजीनियर ,साइंटिस्ट ,IAS ,RAS नहीं चाहिए बल्कि हमको वह डॉक्टर,इंजीनियर ,साइंटिस्ट ,IAS ,रास चाहिए जो दुनियावी तालीम और दीनी तालीम दोनों में अवल हो। आज हमारे यह रोले मॉडल अगर पांच वक्ता नमाज़ी भी हो और कौम का दर्द इनके सीने में हो तो अल्लाह की कसम यह हामरी कौम में सेंकडो डॉक्टर,इंजीनियर ,साइंटिस्ट ,IAS ,RAS पैदा कर दें और हमारे बच्चों को किसी मोटिवेशनल या पर्सनालिटी डेवलपमेंट क्लास की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और यही लोग उनके मोटिवेशन होंगे।
आज हमारे पिछड़ने का वजह ही यह है की हमने दीनी और दुनियावी तालीम को अलग अलग कर दिया है। जबकि यह दोनों यह ही सिक्के के दो पहलू हैं। एक के बिना दूसरा अधूरा रह जाएगा।
4. 10th ,11th और 12th कोचिंग क्लास : ऐसे टीचर्स का इंतज़ाम करना जो इन क्लासेज के बच्चों को कॉचिंग दे सकें।
5. उर्दू क्लासेज : मस्जिद के इमाम साहब और महोल्ले के उर्दू स्कॉलर्स यह क्लास लेंगे।
मकसद : नौजवानो और बुजुर्गों के लिए उर्दू की क्लास कायम करना ताकि हम अपनी दीनी मसलों और इस्लामी हिस्ट्री की किताबो को पढ़ सकें और इस्लाम कि अजमत से रूबरू हो सकें।
6. मदरसे के बच्चों के लिए बेसिक कंप्यूटर एजुकेशन : यहाँ हम मदरसे क्लास के साथ बच्चों कंप्यूटर चलाना सिखांएंगे।
मकसद : ऐसा करने से हमारी कौशिश रहेगी की बच्चों में मदरसे आने का इंटरेस्ट पैदा हो और वह मॉडर्न एजुकेशन में भी आगे बढ़े।
यह सब करने से हम एक दिन या एक साल में अपना मुस्तक़बिल नहीं बदल सकतें लेकिन बेशक आज उठाया गया यह कदम कल हमारे और हमारी नस्लों के लिए मिल का पत्थर साबित हो यह सोच हम जरूर रखतें हैं।
आप सब लोगों से इल्तजा है की आप अल्लाह तआला से दुआ करें की वह अपने हबीब के सदके हमे अपने इस नेक मकसद में कामयाबी अता करें और हमें और हमारी नस्लों को दुनिया और आख़िरत में कामयाबी अता करें और हम अपना खोया हुआ वक़ार फिर से हांसिल करें।
आमीन।