कमसिन बच्चों को मस्जिद में लाना कैसा है ?

कमसिन बच्चों को मस्जिद में लाना कैसा है ?

कमसिन बच्चों को मस्जिद में लाना कैसा है ? ज़्यादा छोटे ना समझ कमसिन बच्चों का मस्जिद में आना या उन्हें लाना शरअन ना पसंदीदा नाजायज़ और मकरूह है। कुछ लोग औलाद से बेजा मोहब्बत करने वाले, नमाज़ के लिए मस्जिद में आते हैं तो अपने साथ कमसिन नासमझ बच्चों को भी लाते हैं, यहां तक...
एक कदम तालीम कि तरफ

एक कदम तालीम कि तरफ

एक कदम तालीम कि तरफ   ” एक कदम तालीम कि तरफ ” अस्सलाम वालेकुम व रहमतुल्लाह बरकातहू हम आप सब कौम के लोगों को यह इत्तला देना चाहतें हैं कि हमने बच्चों की दीनी और दुनियावी तालीम के लिए कुछ करने का सोचा है जो मैं आप सबके इल्म में लाना चाहता हूँ और उसको हम...
इमाम की इज्जत करना हर मुसलमान पर फ़र्ज़ है

इमाम की इज्जत करना हर मुसलमान पर फ़र्ज़ है

इमाम की इज्जत करना हर मुसलमान पर फ़र्ज़ है   मस्जिद के इमामों की इज्जत करो वो तुम्हारे सरों के ताज है उनकी भी अपनी जिंदगी है उनके भी कुछ निजी मामला हुवा करते हैं उनको खुश रखो अल्लाह हम सब को खुश रखेगा किसी भी इमाम का दिल दुखाने से पहले ये सोचो कि वो हमारे नौकर नहीं...